कुछ दो शब्द भारत रत्न अटल जी के लिए😥😥
अटल थी जिनकी वाणी उनका कोई न था शानी
क्या जीत मैं क्या हार मैं उस जिंदगी के जँहा मैं वरदान नही मानूँगा मैं हार नहीं मानूँगा।रातो को न आराम करूँगा
मैं जिंदगी को गुलज़ार करूँगा।
मैं काम करूँगा काम करूँगा।
जीवन के उन घंघोर रास्तो मैं
आग लगाकर चलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा कदम मिलाकर चलना होगा।
छोटे मन को बढ़ना होगा
टूटे मन को सँभालना होगा
इस जीवन की राह मैं सबको मिलकर चलना होगा।
कदम मिलाकर चलना होगा।
मैं कोशिश अपार करूँगा।
मैं काम करूँगा काम करूँगा।
पर हार नहीं मानूँगा।