Friday, September 13, 2019

#चलो आज प्रयास करते हैं।🚶👣🐢🌱🕊️🌼⏲️⏳

चलो आज प्रयास करते हैं, अपनी जिँदगी को गुलजार करते हैं।
लगन से ही सही पर कुछ काम करते हैं, चलो आज फिर प्रयास करते हैं।

इस गरीबी को उस प्रयास से आजाद करते हैं, बूढ़ी माँ के सपनो को आज साकार करते हैं।
चलो आज प्रयास करते हैं।

चाँद की उस दक्षिणी सतह को अशोक चिन्ह से गुलजार करते हैं।
चलो आज फिर प्रयास करते हैं।
समाज के ऊँच-नीच से हटकर कुछ बात करते हैं।
पुरानी बातों को अब मॉफ करते हैं।
चलो आज प्रयास करते हैं।

बेजुबान जानवरो को अपने होने का एहसास करते हैं, इस झूठि दुनिया मैं सच्चाइयो को स्वीकार करते हैं।
चलो आज प्रयास करते,चलो आज प्रयास करते हैं।

#माँ❤️❤️😊

ऊँच-नीच न फर्क हैं, इसका चुपके से गम सह ले मर्म हैं, इसका।
नंगे पैरो से काँटो पर भी चल ले ,दुःख होने पर अपने अंदर समेट ले।

एक रोटी के चार हिस्से जो कर दे, अपने हिस्से की जगह जो पानी गटक ले।

ढंड पर जमीन पर जो सोले
बच्चो के सपनो के लिए जो मंगलसूत्र को भी तौल ले।

कान खिंचकर जो समझये ,इंसानियत की कीमत बतलाये।

ख़ुशियों को जो बटौर के लाये ,गम के अँधेरे को भी दूर भागये वो ममतामयि प्यारी मेरी माँ कहलाये, माँ कहलाये।

Saturday, September 7, 2019

##इंसान खुद गर्ज हैं🚶👣🙏

इंसान खुद गर्ज हैं, कभी मेरा तो कभी तुम्हारा ये अंश हैं।
कभी मीठी -मीठी बातो से दिल जीत लेता हैं।
तो कभी उन मीठी बातो से पिट मैं खंजर खिंच देता हैं।
अपने ही अपनो को यु उजाड़ देता हैं।
तो कभी अपने हिस्से के लिए बंद कमरे मैं संयंत्र रच देता हैं।
इंसान खुद गर्ज हैं, कभी मेरा तो कभी तुम्हारा ये अंश हैं।
बेटा होने मैं लड्ड़ू से समाज मे त्यौहार जो कर देता हैं,तो कभी बेटी होने के गम को कोख़ मे दफन जो कर देता हैं।
इंसान खुद गर्ज हैं,कभी मेरा तो कभी तुम्हारा ये अंश हैं।

###परिवार और खुशियां❤️🌸🌱🌻🌺🍁

परिवार ही सब कुछ हैं... हिम्मत हैं... संबल हैं... ताकत हैं.. खुशि हैं.. ओर हर आपदा को जीतने का विश्वास हैं.. परिवार के साथ बीते वो जिँदगी है...